
★ उर्मिला शर्मा (माता जी)★ (मंदाकिनी )★
विगत 47 वर्षों से मेरी जीवनसंगिनी, रही हैं। सुख-दुःख , जीवन के उतार-चढावों में हमेशा मेरे साथ खड़ी रहीं।। *** विगत 29 वर्षों से जब से सिद्धपीठ, गायत्री शक्तिपीठ शांतिधाम की स्थापना हुई, तब से पूजा-अर्चा- व्यवस्था में अहर्निश धर्मकर्तव्यों का पालन करने में यथाशक्ति लगी रही हैं। साधना मार्ग में भी नियमित-विधिवत गायत्री साधना के साथ साथ नवरात्रियों में 9-9 दिन के 24,000 मन्त्रों के अनुष्ठान चलते रहे।। वर्ष 2013 से लगातार प्रतिवर्ष 40 दिन के सवालाख गायत्री महामंत्र जप के अनुष्ठान मेरे साथ बराबर करती आई हैं। 2017 से 2020 तक के 1000 विधिवत यज्ञानुष्ठान के संकल्प में सहभागी रहीं। वर्तमान में गायत्री जयंती 2020 से पुनः 1000 यज्ञों के संकल्पित विशिष्ट साधना अनुष्ठान में मेरे साथ वर्तमान में 20 जून गायत्री जयंती से दो वर्षीय 24 लाख गायत्री महामंत्र जप के महापुरश्चरण में भी मेरे साथ-साथ भागीदारी निभा रही हैं। सही अर्थों में जीवनसंगिनी-सहधर्मिणी की भूमिका निभाते हुए, शक्तिपीठ पर प्रत्येक रविवार को, नवरात्रियों में, स्थानीय साधकों के लिए आत्मीय भाव से सारी व्यवस्थाएं करते जाना, कार्तिकपूर्णिमा के अवसर पर प्रतिवर्ष सम्पन्न होने वाले 24 कुंडीय श्री सत्य सनातन धर्म महायज्ञों में बाहर से आये साधकों के साथ आत्मीय भाव से उचित व्यवस्था और देखभाल करती हुई अब ★गुरु माँ ★ के रूप में वात्सल्य की धारा बहाती रहती हैं। अतः आज यज्ञानुष्ठान करते हुए, अंतःप्रेरणा में इनके लिएनंद ' ,

★ राजभूषण पांडे ★-( चिन्मयानंद)★
बचपन से ही मेरे यहाँ मेरे पिता के सान्निध्य में शुभ संस्कार प्राप्त हुए। वर्ष 1987 में मेरे रिटायरमेंट के पश्चात गाँव मे मेरे साथ प्रत्येक श्री सत्य सनातन धर्म प्रतिष्ठा के अभियान में, अहर्निश लगे रहे। चाहे वह कार्यक्रम हो, शक्तिपीठ का निर्माण हो, पटना अश्वमेध के समय छपरा जिले में अनेकों कार्यक्रमों में भागीदारी के साथ साथ, पटना अश्वमेध में लगभग एक माह का समयदान देकर वहाँ की व्यवस्था में महत्वपूर्ण भागीदारी की। धर्म- राजनीति- शिक्षा इन सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाते रहे। मेरे यहाँ भी यज्ञों के कार्यक्रमों में अपने साथियों के साथ निरंतर भाग लेते हुए, वर्ष 2016 कार्तिकपूर्णिमा के 24 कुंडीय श्री सत्य सनातन धर्म महायज्ञों के संचालन में अंगद-हनुमान की तरह महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं आगे भी निभाते रहेंगे। *********** ओंकार नाथ शर्मा ' श्रद्धानंद ' ,

★बलिराम तिवारी - ★(आत्मानंद)★
एक ऐसा कर्मठ, जुझारू, समर्पित , कर्तव्यनिष्ठ व्यक्तित्व जिसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए, कम है। राजनीति के क्षेत्र में हमारे छपरा जिले के सांसद -पूर्व केंद्रीय मंत्री -श्री राजीव प्रताप रूढ़ी जी के साथ लगभग 25 वर्ष से कार्यरत है। बीजेपी के जिला मंत्री हैं। 2018 कार्तिकपूर्णिमा के यज्ञ में इन्होंने सामान्य गुरुदीक्षा प्राप्त की, समर्पित भाव से नैष्ठिक गायत्री साधना करते रहे। 2019 में कार्तिकपूर्णिमा के अवसर पर सम्पन्न होने वाले 24 कुंडीय श्री सत्य सनातन धर्म महायज्ञ में, इनके श्रद्धा-निष्ठा-समर्पण भाव को देखते हुए, मैंने इन्हें तथा इनके बड़े भाई शत्रुघ्न तिवारी जी को " प्राण दीक्षा प्रदान की। और वह प्राण दीक्षा, जिसने इनकी अंतश्चेतना में ऐसा दिव्य प्राण प्रवाह उत्पन्न किया कि नवंबर माह 2019 में प्राण दीक्षा ली और मैंने महायज्ञ में 24 कुंडीय कराने की प्रेरणा कुछ साधकों को दी थी। ***ओंकार नाथ शर्मा ' श्रद्धानंद ' , ***

★राव भँवर सिंह -★( चेतनानंद )★
एक ऐसे समर्पित गायत्री साधक, एक ऐसा व्यक्तित्व , जिसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम ही होगी। वर्ष 2014 से ही, फेसबुक के माध्यम से मुझसे वर्ष 2018 में कार्तिकपूर्णिमा के अवसर पर सम्पन्न हुए महायज्ञ में मुझसे प्राण दीक्षा प्राप्त की। हमारे कृनवन्तु विश्व सनातनः के संकल्प और अभियान के संचालन में आज हमारे फेसबुक/व्हाट्सएप ग्रुपों के संचालन में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। आगे भी इनकी बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। ग्रुप में नित्य नियमित श्रीमद्भगवद्गीता के एक एक श्लोक और मेरे द्वारा की गई व्याख्या को पिछले डेढ़ दो वर्षों से पोस्ट करते हैं। इस युगपरिवर्तन के महा अभियान में अपनी साधना, तपश्चर्या, और सोशल मीडिया में उस दिव्यचेतना प्रवाह के ध्वज वाहक , धर्मयोद्धा के लिए मेरे हृदय मे जो भाव उभरे हैं उससे इन्हें आशीर्वादस्वरूप ★ (चेतनानंद )★ का नाम प्रदान कर रहा हूँ।। हृदय से आशीर्वाद। *** ओंकार नाथ शर्मा ' श्रद्धानंद ' ***

★अजय कुमार सिंह-★ (अच्युतानंद)★ प्रयागराज
एक शांत, सौम्य, मधुरभाषी, अनुशासित, समर्पित व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति हैं। सिद्ध पीठ गायत्री शक्तिपीठ शांतिधाम में सर्वप्रथम आश्विन नवरात्रि अनुष्ठान किया। वर्ष 2019 में पुनः कार्तिकपूर्णिमा के अवसर पर सम्पन्न हुए 24 कुंडीय श्री सत्य सनातन धर्म महायज्ञ में भाग लिया। इनके कर्तव्यनिष्ठ भाव को देखते हुए इन्हें लगभग एक वर्ष पूर्व यह दायित्व दिया गया कि आप प्रतिदिन हमारे गायत्री साधना के तीनों ग्रुपों में ★गुरुगीता ★ के 6 श्लोक अर्थ सहित नियमित रूप से पोस्ट किया करें।। ताकि सभी गायत्री साधक नियमित रूप से उसका पाठ कर सकें। इन्होंने बिना किसी हिचक के मेरे अनुरोध को शिरोधार्य किया, दुबारा कुछ कहने की जरूरत ही नहीं रही।। साधक शिरोमणि संकल्प के अंतर्गत नियमित रूप से 10 माला गायत्री जप, नवरात्रियों में कई 24000 मन्त्रों के अनुष्ठान तथा 40 दिनों के सवालाख गायत्री महामंत्र जप के अनुष्ठान को पूर्ण कर चुके हैं।। इनके कर्तव्यनिष्ठ , अविचलित भाव को देखते हुए मेरी अंतश्चेतना में जो नाम उभर कर आया वो है ★अच्युतानंद★ अच्युत भगवान विष्णु का एक नाम है। इसका अर्थ है अपने धर्मकर्तव्यों के पालन में सदैव अविचलित रहते वाला। अतः आशीर्वादस्वरूप इन्हें यह नाम प्रदान किया है। यशस्वी भव। हृदय से आशीर्वाद। *** ओंकार नाथ शर्मा ' श्रद्धानंद ' , ****

★मोनिका श्रेष्ठ-★(शिवप्रिया )(शिवांगी)★
सुँदर, सौम्य, मधुरभाषी, ज्योतिर्विज्ञान में अद्भुत, अप्रतिम ज्ञान से ओतप्रोत हैं। ज्योतिष और अध्यात्म ज्ञान दोनों ही एक दूसरे के पूरक हैं। अधिकांश ज्योतिषाचार्य आध्यात्मिक साधक नहीं होते और आध्यात्मिक जीवन जीने वाले साधु संत ज्योतिष का ज्ञान नहीं रखते इसीलिए उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व में अधूरापन रहता है। मोनिका श्रेष्ठ जी हमारे गायत्री साधना से सिद्धि ग्रुप से 05 जुलाई 2019 को जुड़ी थीं।। अब 2 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इनमें ज्योतिर्विज्ञान की जन्मजात प्रतिभा ग्रुप में इन्हें भी जब ये उत्तरदायित्व दिया मैंने कि हमारे गायत्री साधकों को आप नियमित रूप से ज्योतिर्विज्ञान की भी जानकारी दें। तो इन्होंने सहर्ष उस उत्तरदायित्व को स्वीकार कर नियमित रूप से ज्योतिर्विज्ञान पर अपने लेख पोस्ट करने लगीं। आनंद गायत्री योग साधना ऑनलाइन सत्र में भी सप्ताह में एक दिन जब ये सत्र का संचालन करती हैं तो ग्रुप से जुड़े सभी गायत्री साधक इनकी वाणी, ग्रह-नक्षत्रों के मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों का अद्भुत विश्लेष करती हैं। तो सभी मंत्रमुग्ध होकर सुनते हैं। इनके अध्यात्म और ज्योतिर्विज्ञान से समन्वित अद्भुत, विलक्षण प्रतिभा, तथा अपने ज्ञान से संपर्क में आने वालों के जीवन मे जो उलझन, परेशानियाँ होती हैं , ज्योतिषीय सरल, सहज उपायों से उनके दुःख-कष्ट दूर करने का जनकल्याण का , जो ममत्व का भाव है, ममता मई माँ का भाव है , (जिन्होंने भी जन्मकुंडली के विषय मे फोन पर इनसे संपर्क किया होगा , उन्होंने इसे महसूस किया होगा ) तो मेरी अंतश्चेतना में माँ पार्वती का वह ममतामयी स्वरूप उभरने लगा था और जो नाम उभर कर आया वो माँ पार्वती का ही एक सुँदर नाम है ★(शिवप्रिया)(शिवांगी )★ माँ आदिशक्ति गायत्री, माँ पार्वती से प्रार्थना है कि इन्हें और ज्ञान-विज्ञान, शक्ति सामर्थ्य प्रदान करें ताकि कृनवन्तु विश्व सनातनः के संकल्प के साथ ये ज्योतिर्विज्ञान के महत्वपूर्ण ज्ञान से जन जन का कल्याण करने में समर्थ हों। हृदय से आशीर्वाद। *** ओंकार नाथ शर्मा ' श्रद्धानंद ' , ***

चेतन शर्मा - ★(केशवानंद )★
श्रद्धा-निष्ठा-समर्पण के अप्रतिम भावों से युक्त विलक्षण व्यक्तित्व है चेतन शर्मा जी का। लगभग 2 वर्ष से ऊपर हो गए ग्रुप से जुड़े हुए, सतत साधनारत, शांत , मधुरभाषी, मितभाषी व्यक्तित्व है इनका। मेरे लिए साधकों की तीन श्रेणियाँ हैं --- साधक शिरोमणि :-- उच्चस्तरीय साधक दान शिरोमणि :--- श्री सत्य सनातन धर्म प्रतिष्ठा के इस महा अभियान में अधिक से अधिक नियमित आर्थिक सहयोग करने वाले। आनंद गायत्री योग साधना वेबसाईट पर श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोक-अर्थ का स्टिकर बना कर पोस्ट करना। ग्रुप में प्रतिदिन माँ गायत्री, यज्ञ महिमा के स्टिकर्स पोस्ट करना। साथ ही आनंद गायत्री योगसाधना ऑनलाइन सत्र में जो मैं उद्बोधन देता हूँ उन छोटे छोटे ऑडियो क्लिप्स को मिलाकर एक बनाकर कम्प्यूटर में सुरक्षित कर, मेरे निर्देशानुसार वेबसाइट पर क्रमशः पोस्ट करना, इसलिए मेरी अंतश्चेतना में भगवान कृष्ण का ही प्रसिद्ध नाम उभरा और मैंने इन्हें आशीर्वादस्वरूप ★(केशवानंद )★ नाम समर्पित किया है। आपकी उच्चतर भूमिका के लिए मंगलकामनाएं। हृदय से आशीर्वाद। *********** ओंकार नाथ शर्मा ' श्रद्धानंद '

★पिंकी गुप्ता-★ (नंदिनी )★
यदि एक वाक्य में परिचय देना हो तो कहा जा सकता है -- सुँदर-सौम्य -मितभाषी -कर्तव्यनिष्ठ । माँ आदिशक्ति गायत्री एवं परमपूज्य गुरुदेव का आशीर्वाद ही इन्हें मेरे यहाँ वर्ष 2018 के कार्तिकपूर्णिमा पर 24 कुंडीय महायज्ञ में खींच लाया था। ** ग्रुप से जुड़ी थीं। 2018 में गुरुदीक्षा ली, हम दोनों का आशीर्वाद लिया । महाकाल की परमसत्ता और माँ आदिशक्ति के आशीर्वाद से ये लोग महायज्ञ में देवशक्तियों का आशीर्वाद पाने में सफल रहे। ग्रुप में मेरे निर्देश पर नियमित रूप से प्रातःकाल एक चित्र पोस्ट करती हैं। इनके इस कर्तव्यनिष्ठ भाव और श्रद्धा- निष्ठा समर्पण भाव को देखते हुए मेरी अंतश्चेतना में एक नाम उभरने लगा। ★(नंदिनी )★ जो महर्षि वशिष्ठ के पास कामधेनु की पुत्री गौ माता थीं। वस्तुतः ये माँ आदिशक्ति गायत्री (कामधेनु) का ही एक रूप है। अतः ये नाम उन्हें आशीर्वादस्वरूप समर्पित है। हृदय से आशीर्वाद। *** ओंकार नाथ शर्मा ' श्रद्धानंद ' , ***

★प्रीति देवांगन - ★(कालिंदी)★
एक सौम्य, शांत, सरल, निश्छल, व्यक्तित्व की स्वामिनी।। उमंगों से भरा हृदय, कृनवन्तु विश्व सनातनः के लक्ष्य के प्रति समर्पित।। भक्त शिरोमणि हनुमान जी की तरह जीवन का मंत्र ही बना लिया हो जैसे ★ रामकाज लगि मम अवतारा ★ ★ राम काज किन्हें बिना मोंहि कहाँ विश्राम !!!!! लगभग 3 माह पहले चर्चा हुई थी, बातचीत में जब पता लगा कि इन्होनें कम्प्यूटर में MCA भी किया हुआ है तो,आनंद गायत्री योग साधना वेबसाइट बनाने के विषय में, एक उत्त्तरदायित्व दिया था मैंने। बस एक संकल्प के साथ जुट गईं लक्ष्यप्राप्ति के लिए। भले ही अनुभव कम था, पर महर्षि आयोद धौम्य के समर्पित शिष्य आरुणि की तरह बस एक ही धुन सवार थी , सद्गुरु का आदेश है वेबसाइट बनाना है तो फिर बनाना है। जब संकल्प दृढ़ हो तो रास्ते अपने आप बनते चले जाते हैं। वी वी राव जी के नेतृत्व में समीर शाह, धनंजय राय, चेतन शर्मा, संदीप ओझा इन सभी का साथ मिला, दिन रात एक ही धुन--- वेबसाईट बनाना है । विशेषज्ञों का मार्गदर्शन मिलता गया और राह आसान होती चली गई। 20 जून 2021 गायत्री जयंती को अपने संकल्प के अनुसार वेबसाइट बन कर जन जन के लिए समर्पित कर दिया।।इनके विषय मे चिंतन करते हुए मेरी अंतश्चेतना में एक नाम, एक दृश्य उभर रहा था। भगवान श्रीकृष्ण का , सूर्यपुत्री यमुना के जल को विषाक्त करने वाले कालिय नाग के फन पर नृत्य कर रहे हैं, दंडित कर रहे हैं। कालिय नाग को सपरिवार यमुना जल का त्याग करना ही पड़ा। विष मुक्त होकर वही सूर्यपुत्री यमुना का सदा नीरा जल, उस जल के पान करने वाले, स्नान करने वालों के तन,मन, हृदय को निर्मल करने वाला है। जो कलियुग के पापों का शमन कर ने वाला है। जो यमुना आगे चलकर प्रयागराज में , माँ भगवती गँगा में विलीन हो जाती है।। ★प्रीति देवांगन वही यमुना है, ★उसकी बनाई वेबसाइट और संचालन उसी यमुना जी का निर्मल जल है जो जन जन की प्यास बुझाते हुए उनके मन अंतःकरण को निर्मल करता चला जायेगा। ★और अंत मे वह सूर्यपुत्री- आदिशक्ति माँ भगवती गायत्री के हृदय में समा जाएगी।। वह पावन नाम, ★ (कालिंदी) ★ उस दिव्यात्मा को, आशीर्वादस्वरूप समर्पित है। हृदय से आशीर्वाद। *** ओंकार नाथ शर्मा ' श्रद्धानंद '

★अशोक श्रीवास्तव- ★(मृत्युंजय)★
साधना-साधना और केवल अहर्निश गायत्री साधना ही जिनकी पहचान है। 2 वर्षों में ही 5 सवालाख गायत्री महामंत्र के 40-40 दिनों के अनुष्ठान कर चुके हैं। मृदुभाषी, सरल, सौम्य, व्यक्तित्व। आप रहने वाले वाराणसी के हैं किंतु मेरे ही जिले में लगभग 25 किमी दूर केंद्रीय रेल चक्का कारखाना ( Central rail wheel factory - Chapra ) में सेंट्रल स्कूल में भौतिकी (physics) के प्राध्यापक हैं।। बस अंतश्चेतना में इनकी जिजीविषा, इनके मनोबल, इनके जीवन संघर्ष में एक ही नाम उभरा ★(मृत्युंजय)★ आज आशीर्वादस्वरूप इन्हें ये नाम समर्पित करता हूँ। हृदय से आशीर्वाद। *********** ओंकार नाथ शर्मा ' श्रद्धानंद '

★सारिका श्रेष्ठ- ★(मैत्रेयी )★
एक सुँदर, सरल हृदय किंतु दृढ़ निश्चयी, साहसी, व्यवहारिक, ज्योतिर्विज्ञान में निष्णात साधक, जिनसे ग्रुप के सदस्य कम परिचित हैं। ग्रुप में प्रकाशित ज्योतिर्विज्ञान के लेखों में मोनिका श्रेष्ठ /सारिका श्रेष्ठ ये दोनों ही नाम होते हैं। जी हाँ ! आपलोग ठीक समझ रहे हैं। मोनिका श्रेष्ठ/ सारिका श्रेष्ठ दोनों ही जुड़वाँ बहने हैं। दो शरीर एक प्राण हैं। दोनों ही ज्योतिर्विज्ञान में पारंगत हैं। दोनों ही साधक शिरोमणि संकल्प के अंतर्गत नियमित - विधिवत 12 माला गायत्री जप, नित्य यज्ञ/अग्निहोत्र करती हैं। सारिका कहीं जॉब भी करती हैं, साधना में भी कुछ विशेष रूप से अधिक सक्रिय रहती हैं। सारिका श्रेष्ठ भी एक दिव्यात्मा है, साधनामार्ग के भटकावों से बचते हुए एक दिन ★ मैत्रेयी★ की तरह आत्मज्ञान-, ब्रह्मज्ञान के लक्ष्य को प्राप्त कर सके इसीलिए उन्हें आशीर्वादस्वरूप ★(मैत्रेयी )★ नाम प्रदान करता हूँ। हृदय से आशीर्वाद। *** ओंकार नाथ शर्मा ' श्रद्धानंद '
शर्मा ' श्रद्धानंद '

★ राकेश चंदोला--★(ज्योतिरादित्य)★
अध्यात्म क्षेत्र में एक उभरता हुआ सितारा ★ छोटी उम्र में ही गायत्री साधना के संस्कार पिता से मिले। वही संस्कार अब प्रस्फुटित होकर, पुष्पित, पल्लवित होते हुए एक विशाल वटवृक्ष का रूप लेने की ओर अग्रसर हैं।। गत वर्ष 40 दिनों का सवालाख गायत्री जप का पूर्ण अनुष्ठान किया था, मुझसे अनुमति और आशीर्वाद लिया था फिर ?????? ******* मोबाईल स्विच ऑफ, वाह्य जगत से कोई संपर्क नहीं। यहाँ तक कि मुझसे भी कोई संपर्क नहीं। सारा ध्यान सिर्फ साधना के प्रति केंद्रित था। लक्ष्य के प्रति समर्पित था। - *** - 40 दिन का अनुष्ठान पूर्ण हुआ, फिर पूर्णाहुति के पश्चात पुनः मुझसे संपर्क किया, " गुरु जी मुझे पुनः ग्रुप में ऐड कर दीजिए " - अब कुछ परिवर्तन आ गया था, मेरे संदेशों को पढ़ना आत्मसात ★ आज तपश्चर्या की अग्नि में तप कर, अध्यात्म क्षेत्र में गायत्री साधना के क्षेत्र में एक उच्च कोटि का साधक कुंदन बन कर उभरा है। - सूर्य किरणों के समान जिसकी चेतना का प्रकाश फैलने लगा है। अतः जो नाम अंतश्चेतना में उभर कर आया वह है ★ (ज्योतिरादित्य )★ माँ आदिशक्ति एवं युगऋषि परमपूज्य गुरुदेव की कृपा आशीर्वाद इन पर सदैव यूँ ही बना रहे तथा ये अपने जीवन मे महान ऊंचाइयों को प्राप्त करें। हृदय से आशीर्वाद। **** ओंकार नाथ शर्मा ' श्रद्धानंद '

★कलावती जाजू-★ (अहिल्या)
★अहिल्या से 'अहिल्या' तक★ कलावती देवी मेरी जन्मदात्री माँ का नाम था। जिनकी त्याग तपस्या ने मुझे ये दिव्य संस्कार दिए। जो जहाँ ममता की मूर्ति थीं, वहीं दृढ़संकल्प की धनी भी थीं। कलावती जी मे भी जहाँ एक तरफ सरल, सौम्य, वात्सल्य भाव की अनुभूति इनके संपर्क में रहने वालों को होती रहती है, वहीं इनका मार्गदर्शक सद्गुरु, माँ आदिशक्ति गायत्री, यज्ञ भगवान के प्रति श्रद्धा-निष्ठा-समर्पण का दृढ़ संकल्प है वह अनुपम है। दृढ़संकल्प तो था ही शिष्य साधक का मार्गदर्शक सद्गुरु पर अटूट श्रद्धा- विश्वास उसे बड़े बड़े दुस्साहस के लिए प्रेरित करता है। उसी दृढ़ विश्वास के सहारे एक अकेली महिला, इतनी लंबी यात्रा में, सुदूर बिहार प्रान्त के छपरा जिले के एक गाँव मे स्थित सिद्धपीठ गायत्री शक्तिपीठ शांतिधाम में माँ आदिशक्ति एवं सद्गुरु के दर्शन आशीर्वाद के लिए चल पड़ी थी। इनका सनातन धर्म प्रचार के लिए अभियान चल रहा है। गृहे गृहे गायत्री उपासना, गृहे गृहे गायत्री यज्ञ का अभियान चल रहा है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि ये एक दिन अपने क्षेत्र में★ सनातन धर्म पीठ ★की स्थापना अवश्य करेंगी। ★ सनातन धर्मपीठ :----- अर्थात सिद्धपीठ गायत्री शक्तिपीठ शांतिधाम की तरह अपने अपने क्षेत्रों में साधक शिरोमणि के स्तर पर पहुँचे सिद्ध साधकों द्वारा, सनातन धर्मपीठों की स्थापना । ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ अतः एक ही नाम इस दृढसंकल्पित, जाग्रत, जीवंत, प्राणवान शिष्या के लिए उभरता चला गया --- ★(अहिल्या) ★ यशस्वी भव। हृदय से आशीर्वाद। *********** ओंकार नाथ शर्मा ' श्रद्धानंद '