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आज का चिंतन भाग (45): जय श्री राम मित्रों ! वंदे मातरम !

जिस प्रकार किसी परिवार में एक या दो व्यक्तियों की कमाई से पूरे परिवार का गुजारा चल जाता है,
उसी प्रकार एक या दो व्यक्ति भी, नित्य नियमित गायत्री महामंत्र जप की साधना से जुड़े हों, तो उस पुण्य की कमाई से, पूरे परिवार का कल्याण होता है।

विवेचना
मनुष्य जीवन में दैवीे कृपा से सुख,शांति,समृद्धि, और सुरक्षा पाने के लिए चार प्रकार का धन कमाना अनिवार्य है।

(1) पुण्य धन (2) ज्ञान धन (3)स्वास्थ्य धन(4) अर्थ धन। 

प्रथम तीन जिसने कमा लिया उसके लिए चौथा-- अर्थ धन( रुपया पैसा) कमाना बहुत सरल हो जाता है।

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(1)पुण्य धन

नियमित गायत्री मंत्र जप,ध्यान, यज्ञ व परोपकार से।

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(2) ज्ञान धन

भगवद्गीता, रामचरित मानस आदि धर्म ग्रंथों के नियमित स्वाध्याय, जीवन निर्माण की प्रेरणादायी पुस्तकों के अध्ययन और सत्संग से।

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(3)स्वास्थ्य धन

योग,व्यायाम,प्राणायाम, सात्विक आहार,विहार,दिनचर्या से कमाया जाता है। 

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(4) अर्थ धन

कृषि,वाणिज्य,पशुपालन, नौकरी इत्यादि हजारों मार्गों में से जो अपनी रूचि,प्रकृति,परिस्थिति के अनुरूप हो, से कमाया जाता है।

प्रति दिन इन चारों को कमाना चाहिए। 
पुण्य धन से दैवी कृपा और संरक्षण--मार्गदर्शन,
ज्ञान धन से बुद्धि--विवेक, 
स्वास्थ्य धन से स्वस्थ और ऊर्जावानप्राणवान शरीर
और अर्थ धन से सांसारिक जीवन यापन एवं सांसारिक सुख सुविधा के साधन प्राप्त होते हैं।

 ज्ञान धन से बुद्धि--विवेक, 
स्वास्थ्य धन से स्वस्थ और ऊर्जावान--प्राणवान शरीर
और अर्थ धन से सांसारिक जीवन यापन एवं सांसारिक सुख सुविधा के साधन प्राप्त होते हैं।
परंतु सबसे श्रेष्ठ सर्वोपरि पुण्य धन ही होता है।
अतः आज और अभी से नित्य नियमित इन चारों प्रकार के धन अर्जित करने में जुट जाएं। सुख,शांति,समृद्धि, सुरक्षा का आनंद उठायें।

ओंकार नाथ शर्मा ' श्रद्धानंद ' 
संस्थापक, संचालक,
आनंद गायत्री योग साधना,
श्री सत्य सनातन धर्म परिवार,
सिद्धपीठ, गायत्री शक्तिपीठ शांतिधाम, छपरा, बिहार

आह्वान, आमंत्रण:

अत्यंत महत्वपूर्ण संदेश आपके लिए-- ध्यानपूर्वक पढ़ें, समझे , अपनाएँ

हमारे मार्गदर्शन में नियमित, विधिवत गायत्री साधना कर, दुःख दुर्भाग्य के शमन, तथा  शीघ्र सुख, शांति, समृद्धि, सफलता एवं सिद्धि से सौभाग्यवृद्धि के लिए

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  • जीवन के किसी भी क्षेत्र में चाहे वह धर्म-अध्यात्म, राजनीति,  शिक्षा,प्रशासनिक पद, व्यवसाय, खेल,कला संगीत, फ़िल्म, कृषि, गृहस्थ जीवन ही क्यों न हो, 

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  • जीवन लक्ष्य को कैसे पहचानें ?   धर्म कर्तव्यों का पालन कैसे करें ?   ये बताती है। 

  • जीवन का  समग्र रूप में आनंद लेते हुए, अपने घर परिवार के कर्तव्यों को निभाते हुए, अपना कर्तव्य निभाते हुए जीना
    सिखाती है 

  • आदिशक्ति , जगत जननी माँ गायत्री, जिन्हें  वेदों में --देवमाता, विश्वमाता, कामधेनु, पारस, अमृत, कल्पवृक्ष कहा गया है उनकी नियमित साधना कर, इच्छित वरदान पाइये ।जीवन मे,  अपने और अपने परिवार के लिए, दैवी कृपा से, सुख, शांति, समृद्धि, सुरक्षा और सफलता के लिए,यह साधनात्मक मार्गदर्शन, आपके जीवन मे सफलता प्राप्ति के लिए एक दुर्लभ अवसर है। ****     ये जीवन साधना का मार्ग सभी के लिए आज भी खुला हुआ है, मन की शांति के लिए जरा अपनाइए तो सही।=======================================================

  • आज सोमवार है। कल रविवार तक- आपके द्वारा किये गए,अपने साप्ताहिक गायत्री जप का विवरण ग्रुप में देने का  दिन है।

  •  

  • ग्रुप के प्रत्येक सदस्य को अपने गायत्री जप का साप्ताहिक विवरण देना अनिवार्य है। क्योंकि.

  • नियमित गायत्री महामंत्र जप की साधना ही  एकमात्र संजीवनी बूटी है जो सनातनी हिंदुओं को जाग्रत, जीवंत, प्राणवान बनाएगी।

  • इस महाविनाश की घड़ी में नियमित-विधिवत गायत्री साधना एवं यज्ञ/अग्निहोत्र ही एक मात्र उपाय है, जो आपकी और आपके परिवार की रक्षा करेगा।

  • यही वास्तविक जीवन बीमा (life insurance )

  • साप्ताहिक गायत्री जप का विवरण देना, साप्ताहिक यज्ञ/ अग्निहोत्र करना, उस वास्तविक जीवन बीमा की किश्तें भरना
    ही तो हैं।

  • ऐसा करने से आप, और आप का परिवार, दिव्यशक्ति अवतरण

  • जीवन अनमोल है, ईश्वर का सर्वोत्तम उपहार है।।

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